"रामायण: धार्मिक ग्रंथ जो जीवन के सिद्धांतों को छूने वाला एक महत्वपूर्ण शास्त्र

 रामायण, वाल्मीकि के महाकाव्य के रूप में प्रसिद्ध है, जो सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षाएं हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चिन्हित हैं।


रामायण का काल त्रेतायुग में हुआ था, जब देवताओं, राक्षसों और मानवों के बीच युद्ध हुआ था। इसकी कहानी भगवान राम, देवी सीता, और हनुमान के चरित्रों के आस-पास घूमती है। इसे आदिकाव्य भी कहा जाता है, क्योंकि इसे वाल्मीकि ऋषि ने लिखा था।


रामायण की कहानी अधिकांशत: अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी तीन पत्नियों के बीच घटित हुई घटनाओं पर केंद्रित है। दशरथ का आदर्श बेटा राम, जिन्हें पट्टाभिषेक करके उन्हें अयोध्या का युवराज बना दिया जाता है।


सभी लोग राम के राजा बनने के खुशी में नगर में उत्सव मना रहे थे। इस अवसर पर राक्षस राजा रावण, जिन्होंने अपने ब्रह्मा के वर से अज्ञातीपूर्व बल का अनुभव किया था, राम की नगर अयोध्या पहुंचकर सीता को हरण कर लेता है।


रामायण में हनुमान का योगदान भी महत्वपूर्ण है। हनुमान, वानर सेना के प्रमुख, भगवान राम के भक्त और सीता माता के प्रेमी थे। उन्होंने अपनी भक्ति और बल के साथ लंका पहुंचकर सीता को खोजा और राम के संदेश लेकर लौट आए।


राम, लक्ष्मण, और हनुमान द्वारा लंका यात्रा के बाद, एक महा युद्ध के दौरान, रावण को मारकर सीता को वापस लाने में सफल होते हैं। लौकिक दृष्टि से इसकी कहानी विजय, धर्म, और नैतिकता के सिद्धांतों को प्रमोट करती है।



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